चमत्कारी खाद्य अनाज (मिलेट) जिन्हें हम भूल गए हैं

हम सभी जानते हैं कि आज खाद्य पदार्थों में रसायनों हो रही है, जिससे हम सभी परेशान हैं … तो क्या खाएं?
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दुनिया भर में खाए जाने वाले अधिकांश भोजन में चावल, गेहूं, मांस शामिल हैं। इस भोजन में फाइबर की मात्रा लगभग शून्य है क्योंकि अधिकांश भोजन “रिफाइंड” या “प्रोसेस्ड” है, यहां तक ​​कि “आटा” या “WHOLE  WHEAT” से बनी वस्तुओं को भी रिफाइन किया जाता है या इस हद तक पकाया जाता है कि यह “WHOLE” होने के सभी लाभों को खो देता है, आपके भोजन में अन्य अवयवों (Ingredients) के साथ भी यही स्थिति है, और ये सब हमारा रक्त गाढ़ा कर देता है क्योंकि यह सभी तेजी से हमारे शरीर में शर्करा (चीनी) में परिवर्तित होता है और रक्त में मिल जाता है है। इसलिए हम जिन कार्बोहाइड्रेट (अनाज आदि) का सेवन करते हैं उनमें फाइबर भी होना चाहिए। हो सकता है हम में से अधिकांश ने इस पहलु को पहले सुना और समझा हो, लेकिन असली मुद्दा सामान पर लगे लेबल को गलत पढ़ने का है , और परिणामस्वरूप हमारे भोजन में महत्वपूर्ण फाइबर गायब है। और यहीं पर मिलेट (जौ, बाजरा आदि अनाज) का महत्व है, और इसे विशिष्ट प्रकार के चमत्कारी अनाज कहा जाता है।

मिलेट (MILLET) क्या हैं?

अनाज को पॉजिटिव, न्यूट्रल और नेगेटिव अनाज में बांटा जा सकता है । इनमें से, अनाज की पहली दो श्रेणियाँ वाले अनाज अर्थात पॉजिटिव और न्यूट्रल अनाज को मिलेट (MILLET) कहा जाता है 

श्रीधान्य मिलेट (SIRIDHANYA MILLET) क्या हैं?

पॉजिटिव श्रेणी के अनाज को ‘ SIRIDHANYA Millet‘ भी कहा जाता है इसमें अत्यधिक फाइबर होता है, उदहारण के लिए –

  1. फॉक्सटेल मिलेट (8% फाइबर)
  2. कोडो मिलेट (9% फाइबर)
  3. छोटा मिलेट (9.8% फाइबर)
  4. बारनयार्ड मिलेट (10% फाइबर)
  5. ब्राउन टॉप मिलेट (12.5% ​​फाइबर)

मिलेट से पोषण कैसे मिलता है?

‘श्रीधान्य मिलेट’ में फाइबर की मात्रा 8 से 12.5% के बीच है । ये मिलेट 6 से 9 घंटे की अवधि में धीरे-धीरे ग्लूकोज छोड़ता है और थोड़ी मात्रा में, धीमी और स्थिर ग्लूकोस जाना ही स्वास्थ की कुंजी है क्योंकि यह आपको पूरे दिन चार्ज/सक्रिय रखता है। इन मिलेट में प्रोटीन, मिनरल्स, कैल्शियम, फॉस्फोरस, पोटेशियम, आयरन, मैग्नीशियम, जिंक, मैंगनीज और विटामिन जैसे राइबोफ्लेविन, थियामिन और नियासिन और आवश्यक अमीनो और फैटी एसिड के साथ-साथ विटामिन ई की अच्छी मात्रा होती है। क्या यह चमत्कार नहीं है?

इन 5 श्रीधान्य मिल्ट्स की तुलना में  बाकी के अनाज जैसे चावल (पॉलिश या बिना पॉलिश) में केवल 0.2% फाइबर होता है। गेहूं में भी फाइबर बहुत कम होता है। हाइब्रिड गेहूं में केवल 0.2% फाइबर होता है। भारत में स्थानीय गेहूं के किस्म  (रायचूर, बीजापुर, उत्तरी कर्नाटक) में 1.2% फाइबर है। श्रीधान्य मिल्ट्स एक अद्भुत कार्ब्स हैं जो ‘इन-बिल्ट हाई फाइबर’ के साथ है

न्यूट्रल मिलेट अनाज में पॉजिटिव मिलेट अनाज की तुलना में कम फाइबर (2-4%) होता है, लेकिन फिर भी यह चावल और गेहूं से अधिक होता है। न्यूट्रल मिलेट के उदहारण है – फिंगर मिलेट (रागी), पर्ल मिलेट(बाजरा), प्रोसो मिलेट(बारगु), ग्रेट मिलेट (सफेद ज्वार), सोरघम (ज्वार) और कॉर्न हैं।

SIRIDHANYA Millet से करें विभिन्न रोगों का इलाज

डायबिटीज, गठिया, थायराइड की समस्या, अग्न्याशय, मस्तिष्क, दिल और तिल्ली से संबंधित बीमारियों, विभिन्न तरह के बुखार, गैंगरीन, फिट्स/दौरे पड़ना, अस्थमा, पुरुष और महिला प्रजनन प्रणाली संबंधी समस्याओं आदि को नियंत्रित करने में ये मिलेट अत्यधिक प्रभावी हैं।

जैसे ऊपर बताया गया, श्रीधान्य मिलेट मैं फाइबर अधिक में है जो हमारे रक्त प्रवाह में ग्लूकोज को धीमी गति से (5 से 9 घंटे या अधिक) छोड़ते हैं। सबसे अच्छी बात यह है कि इन फसलों को कीटनाशक या उर्वरक की आवश्यकता नहीं होती है, इसलिए वे दूसरों की तुलना में अधिक और उच्च कोटि के प्राकृतिक या कार्बनिक (ORGANIC) हैं, इसलिए उच्च रक्तचाप, मधुमेह, अम्लता (एसिडिटी), कब्ज जैसी बीमारियों के लिए लाभकारी है। श्री धान्य मिलेट बच्चों, वयस्कों, पुरुषों, महिलाओं सभी के लिए बहुत अच्छे हैं।

ये टाइप 2 डायबिटीज के खतरे को कम करने में मदद करते हैं, इसलिए यदि मधुमेह के रोगी इनको अपने भोजन में गेहूं, चावल के बजाय डालें (और साथ ही बेकरी उत्पाद, मांस, चीनी खाना भी बंद कर दें और नियमित रूप से टहलने जाएं), कुछ हफ़्ते के भीतर सकारात्मक परिणाम मिलेंगे । मिलेट मैग्नीशियम काफी मात्रा में है और ये माइग्रेन और दिल के दौरे को कम करने में मदद कर सकता है।

मिलेट के अन्य लाभ –

  1. शोध से पता चलता है कि महिलाओं में स्तन कैंसर को रोकने के लिए फाइबर सबसे सरल तरीका है। जो महिलाएं मिलेट  का सेवन करती हैं, उनके स्तन कैंसर होने का खतरा 50% कम हो गया
  2. Proso मिलेट एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है जो शरीर से मुक्त कणों (फ्री रेडिकल्स) को नष्ट करने में मदद करता है। शरीर में मुक्त कणों का उत्पादन होता है जो कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है। इनसे झुर्रियां, चकत्ते, सांवलापन आदि होता है। प्रोजो मिलेट एंटी एजिंग है और इसका रोजाना सेवन उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा कर देता है ।
  3. मिलेट कैल्शियम का एक उत्कृष्ट स्रोत है जो हड्डियों के रखरखाव और विकास में सहायता करता है। इस में मौजूद फास्फोरस वसा/चर्बी को कम, शरीर के ऊतकों/कोशिकाओं /सैल की मरम्मत करता है और और ऊर्जा बढ़ाता है
  4. फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थ गैस्ट्रो-इंटेस्टाइनल को तंदरुस्त रखते हैं और खराब पाचन, कब्ज, ऐंठन और सूजन जैसी बीमारियों को खत्म करने में मदद करते हैं। पाचन प्रक्रिया के ठीक होने से शरीर में पोषक तत्वों बढ़ते हैं और पेट के कैंसर और गैस्ट्रिक अल्सर जैसी पेट संबंधी समस्याओं की संभावना को कम करता है ।
  5. फॉक्सटेल मिलेट में 0.6 मिलीग्राम Thiamine है। यह मिर्गी को ठीक करने में मदद करता है ।

हमारे दैनिक आहार में श्री धान्य मिलेट कैसे शुरू करें?

श्रीधान्य मिलेट पकने के बाद चावल जैसा दिखता है और वैसा ही स्वाद देता है. पकाने से पहले 6-8 घंटों के लिए इन को पानी में भिगोएँ। एक बार में एक तरह का मिलेट खाना चाहिए, और कई तरह के अनाज का मिश्रण करने से बचें। आप इनसे उपमा, पोहा, इडली, डोसा, चपाती और कई अन्य रोजाना खाये जाने वाले व्यंजन बना सकते हैं ठीक वैसे ही जैसे आप चावल और गेहूं के साथ बनाते हैं।

(डॉ. खादर के शोध से प्राप्त जानकारी पर आधारित )

1 Comment


  1. मिलेट में कौनसे अनाज आते है

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